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औरत ही है ताकत [सशक्त नारी ]

Dil Ki Aawaaz
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औरत क्या है कभी सोचा है ?
औ – औजार
र – रहित
त- ताकत
औजार रहित ताकत |
औजार रहित ताकत है औरत | ये वो ताकत है जो जन्म देती है ,पालन पोषण करती है ,चलना सिखाती है ,हो लाख मुशकिल डगर पर आगे बढ़ना सिखाती है | वो ऐसी ताकत है जो बिना दिखे अपना असर दिखाती है अपना सारा जीवन और अपनी सारी ताकत समर्पित करती है अपने अपनों को लिए और अपने सपनों के लिए जबकि उसके सपने भी वही होते है जिनसे उसका और उसके अपनों का हित हो |वह हर रूप में अपना पूर्ण जीवन समर्पण में बिताती है हर रिश्ते को वो प्यार और लगन से सींचती है |उसके अनेक रूप है और हर रूप में वो वंदनीय है चाहे वो रूप एक बेटी का हो या एक बहन का ,एक पत्नी का हो या एक बहु का , एक भाभी का हो या बुआ का ,एक दादी का हो या नानी का वो हर रूप में सदैव हिम्मत और ताकत देती है और कहती कि जाओ आगे बढ़ो कोई मुश्किल नहीं आएगी और सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी |उसका यू हिम्मत देना ही आधी सफलता दिला देता है |

हर रूप में वो पूजयनीय है क्योंकि हर रूप में वो अपना जीवन अपने लिए नहीं जीती फिर भी न जाने क्यों जीवन में कई बार वो उन्ही के द्वारा अपमानित होती है जिनके लिए वो जीती है और पता है वो उफ़ तक नहीं करती हँसते हंसते सब कुछ सहती है क्योंकि वो जिसने गम दिया उसकी आँखों को नम किया वो कोई और नहीं उसके अपने है और अपने ही देश के है |

औरत वो ताकत है जो दुनिया बनाती है
वो ठान ले अगर तो हर जंग जीत जाती है
उसके आगे कोई मुश्किल रुक नहीं पाती है
क्योंकि मिंटो में वो हर मुश्किल का हल बताती है
आज औरत ने कई झेत्रों में अपनी परचम लहराई है
जबकि जब से वो जन्मी बेबस और पराई कहलाई है
उसको तो दुनिया के दावेदारो ने कई बार जख्मी किया
पर हर जख्म पर वो मुस्कुराई है
अपने दुःख पर वो ना रोई कभी
बल्कि उसने तो हर पल तुम्हारी विपदा मिटाई है
वो जीती है हर पल जिन्दा दिली से उसने ही तो तुम्हारी ताकत बढ़ाई है
हमेशा वो तुम्हारी किस्मत चमकाती आई
पर आज उसने अपनी भी किस्मत चमकाई है
बिना किसी सहारे के उसने अपना हर कदम बढ़ाया
हैरान हो गई सारी दुनिया जब उसका भी सितारा जगमगाया
आज तक उस ताकत को तुम ना पहचान पाये
जिसने तुम्हे चलना सिखाया और आज भी तुम्हे राह दिखाए
करते रहे तुम उसको जख्मी एक बार भी उसके ना बन पाये
आज तुम उसकी आबरू से खेलते हो
तभी तो जो कष्ट ना पाये थे कभी आज उनको भी झेलते हो
अभी भी वक्त है खुद को समझा लो
जान लो इस ताकत को और इसे अपना लो
क्योंकि आ जाए प्रलय और मिट जाए ये संसार
इससे पहले ही तुम अपना भविष्य बना लो |

“औजार रहित ताकत है ये ,खुदा कि इनायत है ये
प्यार कि मूरत है ममता की छाव है ,
जला दे दुष्टों को ऐसी ये ज्वाला है ,
इसका तो हर रूप ही निराला है ,
इसने ही तो हर मुश्किल को टाला है,
इसका उपकार मानो तुम इसकी ताकत को पहचानो तुम ,
ये दुनिया हो जायेगी खुशहाल और हरी भरी ,
बस डालों इन पर नज़र प्यार और इज़त भरी,
बस डालों इन पर नज़र प्यार और इज़त भरी |

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