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आप से मुलाकात हमारी होती है कम
इस बात का हमें बिलकुल नहीं है गम
हमने तो आप के दिल में घर बनाया है
तोड़ सके उसको जो किसी तूफ़ान में नहीं है ये दम |
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शब्दों के साथ रहना मुझे अच्छा लगता है
चुपचाप अपनी बात कहना मुझे अच्छा लगता है
बाहर बड़ी भीड़ है धोके और फरेब की
दिलो में घर बनाना मुझे अच्छा लगता है |
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सोच से ज्यादा पाया मैंने शुक्राने में जीवन बिताया मैंने
उसकी मेहर बरसती है हर पल मुझ पर क्योंकि उससे कुछ न छुपाया मैंने |
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क्यों नारी को अबला मानते हो
उसकी ताकत को क्यों नहीं पहचानते हो
अगर जाग गई उसके अंदर की ज्वाला
मिल पायेगा न तुम्हे कोई रखवाला |
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पलकों पर नींद का पहरा हो
हर कोई अपनी जगह पर ठहरा हो
प्रभु नाम का परचम लहरा हो
कर दे जो सबको एक
ऐसा प्यार भरा सबेरा हो |
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