Dil Ki Aawaaz
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दिल तो जख्मी है बहुत
फिर भी गमों को पी लेते है ,
कोई लगा पायेगा ना मरहम
इसलिए हंस के हम जी लेते है ,
रोज़ मरते है रोज़ जीते है
ना जानोगे तुम कि अपने आंसू किस कदर पीते है ,
रोते हुए बदसूरत हो जाते है
खूबसूरत दिखने के लिए हर वक्त मुस्कुराते है ,
कभी कभी तो जुल्मों को हम सह नहीं पाते है
फिर भी उनको अपनाते हैं,
ये सोच कर कि कभी तो आएगी जीवन में बहार
जिसको पाने के लिए फूल भी कांटो से गुजर जाते हैं |
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