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माँ (कविता )

Dil Ki Aawaaz
Dil Ki Aawaaz
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वो जो हर दर्द की दवा बन जाती है,
हर हाल मैं हंसना सिखाती है ,
थक जाओ तो जोश दिलाती है ,
गिर जाओ तो फिर से उठाती है ,
भटक जाओ तो राह दिखाती है ,
आगे बढ़ने का होंसला बढ़ाती है ,
अपने आँचल की छाव में हर गम से बचाती है ,
हमारे सारे गुनाहों को बक्शवाती है ,
जिंदगी जीने का तरीका भी सिखाती है ,
हमारी ख़ुशी के लिए दर्द में भी मुस्कुराती है ,
और अपना हर दर्द हमसे छुपाती है ,
ऐसी ही सक्शियत दुनिया में[ माँ ] कहलाती है |

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