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आँगन का दीप (कविता )[contest ]

Dil Ki Aawaaz
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उसके आने से सबके माथे पर लकीर बनी ,
उसने ली अंगड़ाई तो कइयो की तकदीर बनी ,
उसके क़दमों से खुशियों का द्वार खुले फिर भी पग पग पर उसको कोसना कोई न भूले ,
उसके नूर से रोशन दुनिया का हर कोना है ,
फिर भी उसके हिस्से में क्यों लिखा रोना है ,
उसकी किलकारियो से आँगन चहक उठा ,
उसकी खुशबु से बाग़ का हर फूल महक उठा ,
उसके साथ से लम्बी उसकी जुदाई है ,
एक ही जीवन में उसने दो जिंदगियां बसाई है ,
उसके आने से हुआ नया सबेरा है ,
पर कई बंधनो ने उसको घेरा है ,
उसकी बातों में कितनी मिठास है ,
उससे हर इक को इक नई आस है ,
उसकी आँखों में कई कहानी है ,
उसकी तो सारी दुनिया दीवानी है ,
उसके होने से ही चलती दुनिया की कहानी है ,
उसकी तो हर इक अदा में इक रवानी है ,
उसके आँचल में दूध क्यों आँखों में पानी है ,
इसका जवाब कोई क्यों नहीं दे पाता,
जबकि उसके कारण ही हर आँगन में दीप जगमगाता ,
उसके कारण ही हर आँगन में दीप जगमगाता |

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