Dil Ki Aawaaz
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गम की कोई खबर लाता नहीं ,
आ जाता है न जाने कब ,दरवाज़ा भी खटखटाता नहीं ,
हाथ तो इसके है नहीं पैर भी दीखते नहीं ,
आ जाता है जाने कैसे जबकि इससे तो चला जाता नहीं ,
शक्लों सूरत इसकी है कैसी ये तो मालूम नहीं ,
पर ये तो पक्का है कि ये कभी मुस्कुराता नहीं ,
आ जाता है खुद ब खुद इसे शर्म भी आती नहीं ,
जबकि सारी दुनिया में कोई इसे बुलाता नहीं ,
स्वागत तो इसका कोई करता नहीं ,
कोई गले से भी लगाता नहीं ,
भटकता रहता है दर दर आशियाँ पाने के लिए ,
पर कोई इसे बसाता नहीं ,
बार बार आता है ये बेशर्मो की तरह,
क्योकि इससे भी अकेले रहा जाता नहीं,
क्योकि इससे भी अकेले रहा जाता नहीं |
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