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पुरानी मुलाकात

Dil Ki Aawaaz
Dil Ki Aawaaz
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आज भूली बिसरी कोई बात याद आ गई ,
किसी से पुरानी मुलाकात याद आ गई |
हर पल का साथ था हमारा ,
रिश्ता बड़ा ही था प्यारा |
रिश्ता ,जन्मों जन्मो का गहरा था ,
कोई लगा न सका उस पर पहरा था|
साथ सोते थे हम साथ जगते थे ,
हर दुःख को हम साथ ठगते थे |
हमारे बीच न कोई रुकावट थी ,
हर पल हर घड़ी मुस्कुराहट थी |
न जाने क्यों बंधन छूट गया ,
दोनों का रिश्ता टूट गया |
आज वो फिर याद आई ,
कई सवाल साथ लाई|
क्यों मुझसे रिश्ता तोड़ दिया ?
जन्मों का नाता छोड़ दिया ?
क्या कभी न मेरी याद आई ?
वो पल जो साथ बिताये थे ,
हम एक दूजे के साये थे|
क्यों न दुनिया को बता दिया ?
अपना प्यार जाता दिया ?
क्यों मुझे दुनिया से छुपाते हो ?
क्यों नहीं दिखलाते हो ?
मेरा नाम होठों पर आने दो ,
होठों को फिर मुस्कुराने दो |
क्यों तुमने मुझको भुला दिया अपने अधरों को सुखा दिया ?
मैं न कोई पराई थी मैं तो तुम्हारी अपनी थी ,
हर पल अधरों पर रखनी थी |
कोई और नहीं मैं तो तुम्हारी हँसी थी ,
मैं तो तुम्हारी हँसी थी |

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