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दौड़

Dil Ki Aawaaz
Dil Ki Aawaaz
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क्यों दौड़ रही है दुनिया सारी ,
किस चीज़ की कर ली सब ने सवारी ,
कोई आगे है कोई पीछे है ,
पर जीतने की सबने की तैयारी ,
वक्त से भी तेज़ दौड़ना है ,
करना है सब कुछ एक ही बारी ,
क्या मिलेगा इतना दौड़ कर ?
क्या सकूँ पायेगी जिंदगी हमारी ?
कोई यह जानता नहीं सच को पहचानता नहीं ,
झूठ के पीछे दौड़ती जा रही है ,
खुदा से नाता तोड़ती जा रही है ,
ये सारी दुनिया बेचारी ,ये सारी दुनिया बेचारी |

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