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त्यौहार और वो भी बार बार

Dil Ki Aawaaz
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जीवन का प्रतिदिन त्यौहार हो , …………………………………..जगमग करता ये सारा संसार हो ,……………………………………………………………सब रंगे हो एक दूजे के प्यार के रंग में ,……………………………………………जिस तरफ जाए नज़र बस प्यार ही प्यार हो , ………………………………………………नन्हे नन्हे कदमों से छन छन करती वो आ जाये , …………………………………………..उस छोटी सी परी का अपने आँगन मैं सबको इंतज़ार हो , ……………………………………….बेखौफ हो कर निकले घर से बाहर वो ,……………………………………………………………..सब करे उसकी इज्ज़त न कभी वो हवस का शिकार हो , ……………………………………….सब को मिले शिक्षा का मौका , सभी शिक्षा के तलबगार हो ,…………………………………..अमीर और गरीब का भेद मिट जाये , जाति धर्म का आवेग मिट जाये ,………………………………………………………सब मिले एक दूजे से और एकता का संचार हो ,…………………………………………………………..मिट जाये आंतक का पहरा , …………………………………………………..हट जाये जो छाया अँधेरा है गहरा ,…………………………………………………सबके दिलो मैं जगमगाती सुबह का इंतज़ार हो ,………………………………………………………..कही भी कभी भी आ जा सके सभी ,…………………………………………………….चारो तरफ अपने पन का उजाला हो , ……………………………………….सब को अपना ले सभी बस ये ही विचार हो ,……………………………………….न रहे भूखा कोई न रहे निर्धन कोई ,……………………………………………….मिले सबको रोटी इतना बड़ा बाज़ार हो ,………………………………………………….मिले सबको रोज़गार न कोई बेरोज़गार हो ,……………………………………..हो नए नए कार्य देश में , पर न कभी देह का व्यापार हो ,…………………………………….देश की प्रगति की खातिर हर दिल में एक मशाल जले ,………………………………अपने पराये का भेद भुला सब , ले हाथों में हाथ चले ,…………………………………………………………कर दिखाए कुछ ऐसा हम कि विष्व में जय जय कार हो , विष्व में जय जय कार हो , …………………………………………….जीवन का प्रतदिन एक त्यौहार हो

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