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नया आसमान हो नई जमीन हो

Dil Ki Aawaaz
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है चारो तरफ अन्धकार यहाँ प्रकाश मैं भी सब कुछ साफ़ नज़र आये कहाँ धुंधली सी दुनिया लगती है झूठ की चादर के नीचे सच को छुपाया जाता है हर शक्स बहकाया जाता है हर वक्त भरमाया जाता है न है किसी का दीन धर्म न है किसी का कोई करम है भूख सभी को एक ही लगी उस भूख को मिटाने के लिए जिन्दो को जलाया जाता है मुर्दो का भी करते व्यापार आराम से चलता है ये बाज़ार यहाँ दिलो की कीमत कुछ भी नहीं मिटटी मैं मिलाया जाता है है दिलवालो की यही सजा उन्हें हर पल रुलाया जाता है और हो गये जो पत्थर दिल उनके दिल को सजाया जाता है उस माँ कि यहाँ कोई कीमत नहीं जो दिल से दुआऐ देती है उस माँ को इस दुनिया मैं हर पल दफनाया जाता है है सब को कुर्सी की प्यास जिसे पाने के लिए पी लेते है लहू और जी लेते है बाकि मैं क्या कहू ये दुनिया अब न दुनिया रही हो गई है कब्रिस्तान जहाँ सब है अपनी नीद मैं न है किसी से पहचान अब तो जीने के लिए नया आसमान लाना होगा सब को विश्वास दिलाना होगा है नहीं कोई भी बेगाना सब को गले से लगाना होगा नया आसमान लाना होगा अब है खुशबु कि ये ही तमन्ना” नया आसमान हो नै जमीन हो सब हो जहा पर अपने और सब अपनों मैं लीं हो ”

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