Dil Ki Aawaaz
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हाथों मैं मेहंदी रचाईं मैंने ………मांग सिन्दूर से सजाई मैंने ……..सुबह की सरगी भी खाई मैंने ……..व्रत की पूरी रस्म निभाई मैंने …….अब तो चाँद का इंतज़ार है ………पूजा की थाली भी सजाई मैंने ………जब मुझे मेरा चाँद नज़र आएगा ……..मेरा व्रत सफल हो जाएगा …….. पानी पी कर जीवन साथी के हाथों से ………सुख और शांति पाई मैंने ……..देख कर उनकी आखो मैं प्यार जीवन की हर ख़ुशी पाई मैंने .
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